भारत ने गाज़ा में बंधकों की रिहाई पर दिया ज़ोर, बिडेन ने कहा भारत को सीजफायर का सबसे बड़ा फ़ायदा
Ceasefire: भारत ने गुरुवार को इसराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौता का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि इसे मानवीय राहत और चल रही शत्रुता के शांतिपूर्ण समाधान का मार्ग प्रशस्त होगा। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हम बंधकों की रिहाई और गाज़ा में संघर्ष विराम के लिए समझौते की घोषणा का स्वागत करते हैं। इस बयान के बाद जो बिडेन ने भारत पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस सीजफायर का सबसे ज्यादा फायदा भारत को ही होने वाला है।
भारत ने किया बंधकों की रिहाई की बात
विदेश मंत्रालय की तरफ से आए बयान में उन्होंने कहा कि हम लगातार सभी बंधकों की रिहाई युद्ध विराम और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान कर रहे हैं। कतर, मिश्र और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा मध्यस्थ किया गया युद्ध विराम समझौता 19 जनवरी को प्रभावित होने वाला है, और यह इसराइल और हमास के बीच संघर्ष में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम का प्रतिनिधित्व करता है। समझौते में तीन चरणों की रूपरेखा बताई गई है, जिसका उद्देश्य स्थाई शांति हासिल करना है, जिसमें बंधकों और कैदियों की अदला बदली घनी आबादी वाले क्षेत्र से इजरायली सेवा की वापसी और गाजा में मानवीय सहायता की बहाली शामिल है। यह समझौता कई हफ्तों तक चली विनाशकारी हिंसा के बाद हुआ जिसकी शुरुआत 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजराइल पर किए गए हमले से हुई थी, जिसमें करीब 1200 इसराइली मारे गए थे।
जो बिडेन का विवादित बयान
तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि गाजा में इजरायल और हमास के बीच सीजफायर डील के समझौते की घोषणा के साथ ही आईएमसी कॉरिडोर अब वास्तविक रूप ले सकता है। बिडेन ने कहा कि 23 सितंबर को दिल्ली में जी-20 सम्मेलन में भारत से पश्चिम एशिया होते हुए यूरोप तक एक आर्थिक गलियारे की दृष्टिकोण के लिए प्रमुख देशों को एकजुट किया था। वह दृष्टि को ना वास्तविक रूप ले सकता है। इस सीजफायर से भारत को सबसे अधिक लाभ होने वाला है।
हजारों लोगों की हुई है मौत
इसराइल और हमास के बीच युद्ध की शुरुआत 7 अक्टूबर को हुई थी। जब हमास द्वारा इजराइल पर हमले किए गए थे और उसमें 1200 इसराइली मारे गए थे। फिलिस्तीन स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार इजरायल द्वारा किए गए जवाबी हमले के परिणाम स्वरुप राजा में 46000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें हजारों महिलाओं और बच्चे शामिल हैं। इजरायली सेवा का दावा है कि उनसे अपने अभियानों में 17000 हमास लड़ाकू को मार गिराया है। नागरिकों पर इसका असर भयावह रहा, जहां 2.3 मिलियन की आबादी से लगभग 90% लोग विस्थापित हो गए हैं। क्षेत्र का अधिकांश बुनियादी ढांचा नष्ट हो गया है जिससे लाखों लोग अस्थाई आश्रम में अनिश्चित परिस्थितियों में रह रहे हैं।